VASHIKARAN NO FURTHER A MYSTERY

vashikaran No Further a Mystery

बांध इन्द्र की बांध तारा, बांधू बिद लोही की धारा, उठे इन्द्र न बोले बाव, सूक साख पूंजी हो जाय, बन ऊपर लोकी कड़े हीय लपर लो सूत में, तो बंधन

read more